वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-सादी वर्दी में पुलिस अफसर ने पहले तो दलालों के बीच बैठकर उन्हें दोस्त बनाया। साथ बैठकर चाय की चुस्की लेने और पकौड़ी खाने के दौरान पूरे नेटवर्क को समझा और फिर माफिया की गर्दनें दबोचनी शुरू कर दीं।
गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज से मरीजों की खरीद-फरोख्त का पूरा नेटवर्क खुलने के पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है। यह कहानी है एक पुलिस अफसर की दिलेरी की। खबर है कि सादी वर्दी में उस पुलिस अफसर ने पहले तो दलालों के बीच बैठकर उन्हें दोस्त बनाया। साथ बैठकर चाय की चुस्की लेने और पकौड़ी खाने के दौरान पूरे नेटवर्क को समझा और फिर माफिया की गर्दनें दबोचनी शुरू कर दीं।
यह पुलिस अफसर अभिनय का मंझा खिलाड़ी भी निकला। सुरागकशी के दौरान कभी एंबुलेंस संचालक बनकर तो कभी तीमारदार के रूप में खुद का परिचय देकर भरोसा जमाया। जब सबकुछ समझ लिया तो फिर पूरे गैंग को फांस लिया।
इस अफसर की मदद से पुलिस ने एंबुलेंस माफिया पर दर्ज दो अलग-अलग केस में 21 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। अब इनकी गैंगस्टर की फाइल तैयार की जा रही है। खबर है कि जल्द ही इन पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी हो जाएगी और फिर संपत्ति भी कुर्क होगी।
जानकारी के मुताबिक, माफिया के पूरे नेटवर्क को जुलाई में ही पुलिस ने समझ लिया था। इसके बाद पुलिस अधिकारी ने मेडिकल कॉलेज परिसर में गोपनीय जांच शुरू कर दी थी। पुलिस के हाथ पुख्ता सबूत लगे और फिर 9 जुलाई को पुलिस ने एक एंबुलेंस को पकड़ लिया। अचानक हुई कार्रवाई से एंबुलेंस माफिया मारपीट पर उतारू हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया और फिर छह लोगों को आरोपी बनाया।
जांच आगे बढ़ी तो रोजाना ही एंबुलेंस पकड़े जाने लगे। फिर एक संविदा नर्स भी जेल भेजी गई। पुलिस ने फिर एक केस दर्ज किया और 13 लोगों को आरोपी बनाया। पुलिस दोनों ही मामलों में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने बताया कि एंबुलेंस माफिया पर दर्ज दोनों केस में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। गैंगस्टर के लिए फाइल तैयार की जा रही है।
चार्जशीट में ये बनाए गए हैं आरोपी
चिलुआताल इलाके के फतेपुर निवासी रिजवान, रियासुद्दीन, मोहम्मद अकसीम, औरंगजेब, आसिर्फ अली उर्फ गोलू, मनोज निगम, राहुल, रोहन मिश्रा, प्रिंस चन्द्र, निलेश मिश्रा, साहिल सिंह, मोना चौरसिया को मुख्य आरोपी बनाया गया।